maa aur chand (hindi)
"माँ और चांद"-C. Acharya चाँद में इतने दाग क्यूँ हैं माँ? बादल इसे छिपाने बह आते हैं ना। इतने पास आकर भी ये दूर क्यों चला जाता है माँ? जैसे दादा दादी कहीं खो गए हैं ना। चाँद से प्यारी तो बस तू ही है माँ। दाग जो हैं वो संघर्ष के हैं ना।